चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में युवाओं के लिए कई महत्वपूर्ण बातें बताई है. युवा चाणक्य की इन बातों पर यदि अमल आरंभ कर दें तो उन्हें जीवन में शत प्रतिशत सफलता मिलती है. चाणक्य ने युवाओं को जागरूक बनाने और उनके संपूर्ण विकास के लिए अधिक परिश्रम किया था. चाणक्य विद्वान होने के साथ साथ एक योग्य शिक्षक भी थे. युवाओं को शिक्षित करने और उन्हें प्रेरित करने में चाणक्य ने अपनी जीवन का एक बड़ा हिस्सा समर्पित किया था. इसलिए चाणक्य युवाओं की मनोस्थिति को बहुत अच्छे ढ़ग से समझते थे. चाणक्य का मानना था कि युवा बदलाव के सबसे बड़े सर्मथक होते हैं. युवा शक्ति पर ही राष्ट्र के भविष्य इमारत खड़ी होती है. जिस राष्ट्र के पास युवाशक्ति होती है वह राष्ट्र सदैव प्रगति के पथ पर अग्रसर रहता है. चाणक्य का मानना था कि युवाओं को भ्रमित नहीं होना चाहिए और अपनी शक्ति का सही दिशा में प्रयोग करना चाहिए. इसके अतिरिक्त भी युवाओं ने कई महत्वपूर्ण बातें युवाओं के संदर्भ में बताई हैं, आइए जानते हैं. चाणक्य के अनुसार युवाओं को युवावस्था में परिश्रम से कभी भी नहीं बचना चाहिए. युवावस्था में किया गया परिश्रम जीवन भर काम आता है. परिश्रम की भावना युवाओं की कुशलता में भी वृद्धि करती है. इसलिए परिश्रम के लिए युवाओं को सदैव तैयार रहना चाहिए.चाणक्य के अनुसार युवाओं को शिक्षा प्राप्त करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. शिक्षा के माध्यम से ही युवाओं के मस्तिष्क का विकास होता है. चाणक्य के अनुसार शिक्षा से ही जागरुकता आती है और सही-गलत का भेद समझ में आता है. चाणक्य कहते हैं कि शिक्षा प्राप्त करने के लिए यदि कठोर मार्गों को भी तय करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए. चाणक्य के अनुसार जिस युवा की दैनिक दिनचर्या अनुशासित नहीं है वह कभी अपने लक्ष्यों को प्राप्त नही कर सकता है. इसलिए जीवन में यदि सफल होना है तो अनुशासन का पालन करने की आदत डालनी चाहिए. अनुशासन की भावना व्यक्ति को जिम्मेदार बनाती है और लक्ष्य को पूरा करने में मदद करती है.
20-05-2022 15:17:05